अनुप्रयुक्त यांत्रिकी

भारतपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

साँचा:चिरसम्मत यांत्रिकी अनुप्रयुक्त यांत्रिकी (Applied mechanics) भौतिक विज्ञानों की की वह शाखा है जिसमें यांत्रिकी के व्यावहारिक उपयोगों का अध्ययन किया जाता है। अनुप्रयुक्त यांत्रिकी भौतिक विज्ञान की शाखा यांत्रिकी का व्यावहारिक अनुप्रयोग है। अनुप्रयुक्त यांत्रिकी मे विष्लेषण मुल रूप से गतिज एवम स्थैतिज विष्लेषण का समागम है। अभियान्त्रिक यान्त्रिकी (अन्ग्रेजी में Engineering Mechanics) किसी पिण्ड पर बाहरी बल लगाये जाने पर दी जाने वाली प्रतिक्रिया का गणितीय समीकरणो के माध्यम से निरिक्षण करता है। अनुप्रयुक्त यान्त्रिकी निकायों के कुछ उदाहरण तरल के प्रवाह, बाहरी बल के आवेदन से एक ठोस का फ्रैक्चर, या ध्वनि के प्रतिक्रिया स्वरुप् कान का कंपन शामिल हैं। अनुप्रयुक्त यांत्रिकी के अध्यन्कर्ता को अन्ग्रेजी में mechanician कहा जाता है। जैसा की नाम प्रदर्शित करता है अनुप्रयुक्त यांत्रिकी, यांत्रिकी विज्ञान के सिद्धांतो का, प्रायोगिक तकनिकी क्षेत्र मे, के बीच की खायी को भरता है। अनुप्रयुक्त यांत्रिकी ईन्जिनियरिन्ग के कयी सारे शाखाओ मे मुलभुत रूप से प्रयुक्त होता है। सर आइसेक न्युटन को सिद्धान्तिक यन्त्रिकी का पिता माना जाता है उसी प्रकार टिमोशेन्को को अनुप्रयुक्त यांत्रिकी का पिता माना जाता है।

बाहरी कड़ियाँ

व्यावसायिक संस्थाएँ

व्यावसायिक प्रकाशन

साँचा:आधार