प्रेमनाथ

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साँचा:विकिफ़ाइ साँचा:ज्ञानसन्दूक व्यक्ति प्रेमनाथ (जन्म: 21 नवंबर, 1926 निधन: 3 नवंबर, 1992) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। जबलपुर में आज भी इनकी याद दिलाती है अंपायर सिनेमा आज भी मौजूद है

फिल्मी सफर

== व्यक्तिगत जीवन ==प्रेमनाथ जी जबलपुर मध्यप्रदेश में भी रहे थे।...... ये है अपना जबलपुर टिकिट चेकर के झापड़ ने प्रेमनाथ को बना दिया था एम्पायर टाकीज का मालिक।

        अपने दमदार अभिनय के लिए प्रसिद्ध रहे अभिनेता प्रेमनाथ हमारे टीकमगढ़ के ही गौरव पुत्र थे। उनने अंग्रेजों द्वारा बनाई गई एम्पायर टाकीज को भी खरीद लिया था। इस टाकीज को खरीदने का किस्सा भी लाजवाब है। 

प्रेमनाथ जब स्कूल में पढते थे तब एक बार वो एम्पायर टाकीज की दीवाल फांदकर बिना टिकट लिए पिक्चर देखने बैठ गए। जब टिकिट चेकर टिकिट चेक करने आया तो किशोर प्रेमनाथ से टिकिट मांगी तो उनने टिकिट न होने की बात कही और बताया कि वो बाउंड्री वाल फांदकर अंदर आ गए। टिकिट चेकर ने प्रेमनाथ को एक झापड़ मारा और पकडकर बाहर लाया और बोला जैसे तुम दीवार फांदकर आये थे वैसे ही फांदकर बाहर भागो। जाने के पहले किशोर प्रेमनाथ ने टिकिट चेकर से कहा कि देखना एक दिन मैं इस टाकीज को खरीद लूंगा।

     प्रेमनाथ जब बडे़ हुए और पिता की मर्जी के खिलाफ अभिनय करने मुंबई चले गए। 1952 में उन्होंने एम्पायर टाकीज खरीद ली। मालिक बनने के बाद जब प्रेमनाथ ने टाकीज का उद्घाटन किया तो जिद्दी प्रेमनाथ का रूप सामने दिखा। प्रेमनाथ उसीतरह से बाउंड्री वाल फांदकर टाकीज के भीतर गये जैसे वो किशोर अवस्था में दीवार फांदकर टाकीज के भीतर गये थे। यह संयोग रहा कि प्रेमनाथ को झापड़ मारने वाला टिकिट चेकर तब भी काम कर रहा था। प्रेमनाथ ने उस टिकिट चेकर को बुलाया। घबराते हुए टिकिट चेकर प्रेमनाथ के सामने आया। लेकिन उस नजारे को देखकर सब लोग दंग रह गए जब प्रेमनाथ उसी कुर्सी पर बैठे जिससे उन्हें टिकिट चेकर ने उठाकर भगाया था। 

कुर्सी से उठकर प्रेमनाथ ने झापड़ मारने वाले टिकिट चेकर को बिठाया और फूलमाला पहनाकर उसका स्वागत किया उसे मिठाई भी खिलाई। फिर प्रेमनाथ ने टिकिट चेकर को गले लगाया और उससे बोले यदि तुमने मुझे झापड़ मार कर भगाया न होता तो आज मैं इस एम्पायर टाकीज का मालिक नहीं बनता। ऐसे दिलदार थे हमारे शहर के गौरव प्रेमनाथ अमर प्रेमनाथ।

प्रमुख फिल्में

वर्ष फ़िल्म चरित्र टिप्पणी
1990 किशन कन्हैया
1985 हम दोनों लता का पिता
1982 देश प्रेमी पुत्तु अन्ना
1981 क्रोधी जगीरा
1980 कर्ज़ सर जूडा
1980 धन दौलत
1980 गेस्ट हॉउस क्रिस्टोफर
1979 ढ़ोंगी
1979 जानी दुश्मन पुजारी
1979 मुकाबला पुलिस इंस्पेक्टर
1979 गौतम गोविन्दा
1978 विश्वनाथ
1978 हीरालाल पन्नालाल
1978 शालीमार रजा बहादुर सिंह
1977 चाँदी सोना लॉर्ड मेयर जोजो
1977 चला मुरारी हीरो बनने
1977 सत श्री अकाल पंजाबी फ़िल्म
1977 जादू टोना
1977 दरिन्दा
1977 फरिश्ता या कातिल
1977 शिरडी के साईं बाबा
1976 जानेमन
1976 दस नम्बरी इंस्पेक्टर जयचन
1976 आप बीती बजरंग बहादुर
1976 जय बजरंग बली लंकेश्वर श्री रावण
1976 नागिन सपेरा
1976 कालीचरण आई जी खन्ना
1976 कबीला सरदार बब्बर
1975 धर्मात्मा धरमदास 'धर्मात्मा'
1975 सन्यासी मंगल सिंह
1975 धरम करम शंकर दादा
1975 दफ़ा ३०२
1975 धोती लोटा और चौपाटी
1975 रानी और लालपरी
1974 अमीर गरीब दौलतराम 1974 फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार मनोनीत[१]
1974 रोटी कपड़ा और मकान हरनाम सिंह 1974 फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार मनोनीत[१]
1974 इश्क इश्क इश्क
1974 प्राण जाये पर वचन न जाये मंगल सिंह
1973 बॉबी जैक ब्रगांज़ा 1973 फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार मनोनीत[१]
1973 नफ़रत सी इंस्पेक्टर कुमार
1973 छुपा रुस्तम विलियम्स
1972 रानी मेरा नाम
1972 मोम की गुड़िया वकील अंकल
1972 राजा जानी दीवान गजेंद्र सिंह
1972 शोर ख़ान बादशाह 1972 फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार मनोनीत[१]
1972 गोरा और काला पृथ्वी सिंह
1972 बेईमान डी आई जी गोपालदास
1972 वफ़ा बैरिस्टर
1971 तेरे मेरे सपने सेठ मधोचंद
1970 पु्ष्पांजली
1970 जॉनी मेरा नाम रंजीत/रायसाहब भूपेंद्र सिंह
1967 बहारों के सपने मिस्टर कपूर
1966 प्यार मोहब्बत
1966 तीसरी मंज़िल कुंवर
1966 आम्रपाली
1965 सिकन्दर-ए-आज़म
1960 अपना घर
1957 समुंदर
1953 औरत आदिल
1952 साकी
1952 आन शमशेर सिंह
1951 बादल बादल
1951 आराम कुमार
1950 हिन्दुस्तान हमारा
1949 बरसात गोपाल
1948 आग राजन
1948 अजीत
1947 दौलत के लिए

पुरस्कार

सन्दर्भ

  1. १.० १.१ १.२ १.३ "फिल्मफेयर पुरस्कार नामांकन सूची १९५३ - २००५" (PDF). मूल (PDF) से 12 जून 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 जुलाई 2011.

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