हैजा

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साँचा:ज्ञानसंदूक रोग

हैजे का वितरण

विसूचिका या आम बोलचाल मे हैजा, जिसे एशियाई महामारी के रूप में भी जाना जाता है, एक संक्रामक आंत्रशोथ है जो वाइब्रियो कॉलेरी[१][२] नामक जीवाणु के एंटेरोटॉक्सिन उतपन्न करने वाले उपभेदों के कारण होता है। मनुष्यों मे इसका संचरण इस जीवाणु द्वारा दूषित भोजन या पानी को ग्रहण करने के माध्यम से होता है। आमतौर पर पानी या भोजन का यह दूषण हैजे के एक वर्तमान रोगी द्वारा ही होता है। अभी तक ऐसा माना जाता था कि हैजे का जलाशय स्वयं मानव होता है, लेकिन पर्याप्त सबूत है कि जलीय वातावरण भी इस जीवाणु के जलाशयों के रूप में काम कर सकते हैं।

वाइब्रियो कॉलेरी एक ग्राम-नेगेटिव जीवाणु है जो एक एंटेरोटॉक्सिन, कॉलेरा टोक्सिन का उत्पादन करता है, जिसका छोटी आंत के श्लेष्मीय उपकला अस्तर पर हुआ असर इस रोग के सबसे कुख्यात लक्षण बहुत अधिक दस्त के लिए जिम्मेदार है। हैजा उन ज्ञात रोगों मे से एक है जो बहुत तेजी से घातक असर करते हैं, इसके सबसे गंभीर रूप में रोग के लक्षणों की शुरुआत के एक घंटे के भीतर ही, एक स्वस्थ व्यक्ति का रक्तचाप घटकर निम्न रक्तचाप के स्तर तक पहुँच सकता है और संक्रमित मरीज को अगर चिकित्सा प्रदान नहीं की जाये तो वो तीन घंटे के अन्दर मर सकता है। एक सामान्य परिदृश्य में, रोगी को पहले पतले दस्त[१] होते हैं और 4 से 12 घंटों में वह आघात की अवस्था मे पहुँच सकता है और अगर उसे मौखिक पुनर्जलीकरण चिकित्सा प्रदान नहीं की जाती तो, 18 घंटे के भीतर रोगी मृत्यु का ग्रास बन सकता है.[३][४]

सन्दर्भ

  1. १.० १.१ साँचा:Cite book
  2. साँचा:Cite book
  3. साँचा:Cite journal
  4. "Cholera: prevention and control". World Health Organization (WHO). 2007. मूल से 14 दिसंबर 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2008-01-03.

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